भारत-दर्शन | Bharat-Darshan, Hindi literary magazine |
कबीर की हिंदी ग़ज़ल |
Author : कबीरदास |
क्या कबीर हिंदी के पहले ग़ज़लकार थे? यदि कबीर की निम्न रचना को देखें तो कबीर ने निसंदेह ग़ज़ल कही है: हमन है इश्क मस्ताना, हमन को होशियारी क्या ? जो बिछुड़े हैं पियारे से, भटकते दर-ब-दर फिरते, खलक सब नाम अपने को, बहुत कर सिर पटकता है, न पल बिछुड़े पिया हमसे न हम बिछड़े पियारे से, कबीरा इश्क का माता, दुई को दूर कर दिल से, - कबीर # [साभार - भारत-दर्शन संकलन]
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